Delhi NCR : 17 फरवरी, 2025 की सुबह दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह लगभग 5:36 बजे रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता के इन झटकों ने लोगों को दहशत में घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। ये झटके कई सेकंड तक महसूस हुए, जिससे धरती के हिलने का अहसास हुआ और नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम समेत पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लोग स्तब्ध रह गए
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नई दिल्ली के निकट 5 किमी की गहराई में था9। इस घटना के समय कई लोग सो रहे थे, जिससे अचानक हुई हलचल ने भय का माहौल बना दिया। सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, जबकि राजनीतिक हस्तियों ने भी स्थिति पर प्रतिक्रिया दी
अधिकारियों ने अभी तक किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। यह घटना एक बार फिर दिल्ली की भूकंप संवेदनशीलता को उजागर करती है।
Delhi NCR : भूकंप का केंद्र और तीव्रता
इस भूकंप का केंद्र और तीव्रता अभी तक आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंपों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, 11 जनवरी, 2024 को अफगानिस्तान के फैजाबाद में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके झटके दिल्ली तक महसूस किए गए थे। इसी तरह, 7 जनवरी, 2025 को तिब्बत में 7.1 तीव्रता के भूकंप ने उत्तर भारत को हिला दिया था। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि दिल्ली-एनसीआर न केवल स्थानीय बल्कि दूरस्थ क्षेत्रों में आए भूकंपों से भी प्रभावित होता है।
Delhi NCR : की भूकंप संवेदनशीलता: क्यों है यह चिंता का विषय?
दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन-4 में आता है, जो भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। यह क्षेत्र हिमालयन टेक्टोनिक प्लेटों के नजदीक स्थित है, जहां भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराव से लगातार भूगर्भीय दबाव बनता रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में 6.0 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप विनाशकारी हो सकता है, क्योंकि यहां की इमारतें अक्सर भूकंपरोधी मानकों का पालन नहीं करतीं।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में भूकंप
- 2023 का दोहरा झटका: अक्टूबर 2023 में दिल्ली-एनसीआर में लगातार दो भूकंप आए। पहला 4.6 और दूसरा 6.2 तीव्रता का था, जिसका केंद्र नेपाल में था।
- नवंबर 2023: दिवाली से पहले 2.6 तीव्रता का हल्का भूकंप महसूस किया गया।
- जनवरी 2024: अफगानिस्तान में 6.1 तीव्रता के भूकंप के झटके दिल्ली तक पहुंचे।
- जनवरी 2025: तिब्बत में 7.1 तीव्रता के भूकंप ने उत्तर भारत को प्रभावित किया
ये घटनाएं दर्शाती हैं कि दिल्ली न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आए भूकंपों से प्रभावित होता है।
भूकंप के दौरान सुरक्षा के उपाय
- इमारत के अंदर:
- मजबूत फर्नीचर के नीचे छिप जाएं।
- सिर और गर्दन को हाथों से सुरक्षित रखें।
- लिफ्ट का उपयोग न करें।
2. बाहर होने पर:
- इमारतों, पेड़ों, और बिजली के खंभों से दूर रहें।
- खुले मैदान में जाएं।
3. वाहन में होने पर:
- वाहन रोककर अंदर ही बैठे रहें।
4. आपदा किट:
- प्राथमिक चिकित्सा सामग्री, टॉर्च, और पानी की बोतलें हमेशा तैयार रखें।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने या खिसकने के कारण आते हैं। दिल्ली-एनसीआर हिंदुकुश क्षेत्र के नजदीक स्थित है, जो भूकंपीय गतिविधियों का हॉटस्पॉट माना जाता है। रिक्टर स्केल पर 5.0 से अधिक तीव्रता वाले भूकंपों में इमारतों को नुकसान पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है
सरकारी तैयारियां और चुनौतियां
दिल्ली सरकार ने 2024 में “सीस्मिक रेट्रोफिटिंग” योजना शुरू की, जिसमें पुरानी इमारतों को भूकंपरोधी बनाने पर जोर दिया गया। हालांकि, नागरिकों का कहना है कि अधिकांश आवासीय परिसर अभी भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते।
निष्कर्ष: सजगता ही बचाव है
दिल्ली-एनसीआर की भूकंप संवेदनशीलता को देखते हुए नागरिकों को जागरूक होने की आवश्यकता है। भूकंपरोधी निर्माण, नियमित ड्रिल, और आपदा प्रबंधन योजनाएं ही इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम कर सकती हैं।
(यह ब्लॉग दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के ऐतिहासिक, वैज्ञानिक, और सामाजिक पहलुओं को समझने का प्रयास है। अधिक जानकारी के लिए संदर्भित लिंक्स पर क्लिक करें।)
👇Most Important Links👇 |
भूकंप | दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Click Here) |